मुख के छाले (Apthae)
मुख में छालों का होना बड़ा कष्टकर एवं पीड़ादायक रोग है। जीभ और मुख के छाले और जख्म, जीभ सूखी तथा उसके दोनों तरफ तेज दर्द का होना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। इसका सफलतापूर्वक इलाज सम्भव है।
(a) कैलकेरिया कार्व 30: दाँतों का खट्टापन, खट्टी डकारें, मुँह से खट्टा पानी निकलना, पेट तथा कलेजे में जलन, दाँतों में भी खट्टेपन की अनुभूति।
(b) मर्क सोल 30 : मुँह के भीतर तथा जीभ के किनारे जख्मों का होना। रात में कष्ट का बढ़ जाना तथा मुख में दुर्गन्ध आना जैसे लक्षणों में बड़ी कारगर दवा है।
(c) नाइट्रिक एसिड 200 : इसमें रोगी के जीभ और मुख में छाले और जख्म हो जाते हैं, जिनसे खून निकलता है। जीभ के दोनों तरफ जख्म हो जाते हैं।
(d) नैट्रम फास 30 : दूध से तथा चीनी के कारण अम्लपित्त की शिकायत मुख का स्वाद खट्टा तथा खट्टी डकारें आती है। भोजन करने के एक दो घंटे बाद अम्लपित्त तथा पेट में दर्द होने लगता है।
(e) सल्फर 200 : मुख में जख्म हो जाते हैं साथ में अम्लता के भी लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं तथा दर्द भी होता है।
(1) कार्वो वेज 6: बार-बार तेज डकार आती है। पेट में भीषण जलन होती है। मुँह में पानी आता है।
(g) कैलिम्यूर 30 : छोटे बच्चों को उनके माँ के दूध पीने में कष्ट, मुँह में जख्मों का हो जाना, गाँठों में फूलापन का होना तथा कष्ट की अधिकता का होना।
(h) वोरेक्स 6 : मुँह लाल, सूखा तथा गर्म लार बहुत बनना। बच्चा दूध पीते समय बहुत रोता है, लार तेजी से बहती है।
sir mere talu or ear me khujli hoti hai kabhi kabhi,koi medecins bataye ,also allergy rhinitis bhi hai,
Teeth yellowish and sour , salty sputum , teeth brittle edges serrated , teeth ghis gaye h , but no pus no bleeding no blacken . Crown floor smooth , breathing problems during weakness thin body age38