अनजाने में पेशाब निकल जाना – Involuntary Urination
यह रोग अक्सर बच्चों में होता है। मूत्राशय की पेशियों की कमजोरी की वजह से पेशाब रोकने की शक्ति कम हो जाती है। बड़े लोगों में यह रोग सुजाक, चोट, गुर्दे में पथरी, पेट में कीड़े की वजह से और स्त्रियों में प्रसव के दौरान हो सकता है।
● बच्चों में जब पेट में कीड़ों की वजह से हो – (सिना 30, दिन में तीन बार)
● जब पेशाब में घोड़े के पेशाब जैसी बदबू हो – (एसिड नाइट्रिक 30, दिन में तीन बार)
● जब नींद में ऐसा महसूस हो कि रोगी पेशाब घर में ही पेशाब कर रहा है – (क्रियोजोट 30, दिन में तीन बार)
● जब पेशाब सिर्फ दिन में ही ज्यादा हो – (साइलिशिया 30, दिन में तीन बार)
● मूत्र तंत्र की शिथिलता के कारण रोग – (कॉस्टिकम 30, दिन में तीन बार)
● रोग पुराना हो जाने पर – (सल्फर 200, एक खुराक)
● बूढ़ों को यह रोग होने पर – (कोनियम 30, दिन में तीन बार)
● नम्र स्वभाव के रोगियों को; जब हर समय ध्यान पेशाब में ही लगा रहता है – (पल्साटिला 30, दिन में तीन बार)
● स्त्रियों में लगातार पेशाब हो; लगे की योनिपथ से गर्भाशय ही बाहर निकल जाएगा – (पोडोफाइलम 30, दिन में तीन बार)