हैजा – Cholera
हैजा – यानि दस्त और उल्टी जो एक विषय में जीवाणु के कारण होता है।
लक्षण : चावल के मांड जैसा, झाग मिला, दस्त और उल्टी। प्यास, बेचैनी, ज्यादा कमजोरी, पेशाब में रुकावट, शरीर में ऐंठन, ठंडापन, नाड़ी कमजोर व सुस्त। पानी हमेशा साफ, प्रदूषण मुक्त पीना चाहिए, विशेषकर बरसात में सड़ी गली चीजों के खाने, गंदा पानी पीने आदि से यह जीवाणु शरीर में प्रवेश करते हैं। रोगी का बदन ऐंठने लगता है, पेशाब रुक जाता है; तुरंत इलाज ना होने पर निर्जलन भी हो सकता है और रोगी कुछ ही घंटों में मर सकता है।
● हैजा की प्रथम अवस्था में जब शरीर में काफी ठंडक और शक्तिहीनता आने लगे – (कैम्फर Q, 2-3 बूंद हर 10-15 मिनट बाद)
● जब उल्टी और दस्त काफी मात्रा में हो और ठंडा पसीना आए – (विरेट्रम एल्ब 30, हर 10-15 मिनट बाद)
● जब उल्टी और दस्तों के साथ ऐंठन प्रबल हो – (क्युप्रम मेट 30, हर आधे घंटे बाद)
● यदि हैजे के रोगी में बेचैनी और जलन के लक्षण प्रधान हो, दस्त काले और बहुत बदबूदार हो – (आर्सेनिक एल्ब 30, हर 10-15 मिनट बाद)
● हैजे की आखिरी अवस्था में या उल्टी दस्त बंद होने की अवस्था में यदि रोगी ठंडा होने लगे, मगर हवा के लिए छटपटाए – (कार्बो वेज 30, हर 10-15 मिनट बाद)