नाक के अंदर मांस बढ़ना – Nasal Polypus
यह रोग प्रायः एक नथुने में होता है; बढ़ा हुआ मांस नर्म और चिपका होता है, कभी-कभी इसमें मवाद भी पैदा हो जाती है, यदि दोनों नथुने में हो जाता है तो नाक से सांस लेने में कष्ट होता है और रोगी मुंह से सांस लेने लगता है।
● मुख्य दवा – (फॉरमिका रुफा 1x या 3x, दिन में 3-4 बार या लैम्ना माइनर Q, दिन में 3 बार)
● यदि नाक से खून आए; हरा, पीला मवाद निकले- (फॉस्फोरस 30, दिन में तीन बार)
● रोगी जिस करवट लेटता है उधर का सांस रुक जाता है, पूरी नाक मांस के बढ़ने से बंद हो जाए तो – (ट्यूक्रियम 6, दिन में 3 बार)
● नाक में मांस बढ़ने के साथ-साथ किसी भी गंध का पता ना लगे – (कैलकेरिया कार्ब 30, दिन में तीन बार)
● मांस बढ़ने के साथ-साथ साइनस की शिकायत, बुरी गंध वाला पतला हरा स्राव, गंध का महसूस ना होना – (थूजा 30 या 200, दिन में दो या तीन बार)