दिल का ज्यादा धड़कना – Palpitation
ऐसे तो हमारे शरीर में हृदय प्रति मिनट औसतन 72 बार धड़कता है और इस धड़कन से खून हमारे शरीर में चक्कर लगाता रहता है। मगर हृदय का कोई भी रोग होने पर खून की कमी, चिंता, भय, ज्यादा नशा करने, सूजन, आदि से हृदय की धड़कन तेज हो जाती है।
● मुख्य दवा। – (क्रेटेगस Q, 5-15 बूंद, दिन में 4 बार)
● जब धड़कन के कारण लगे की दिल काम करना ही बंद कर देगा। भय, घबराहट व मृत्यु भय हो – ( एकोनाइट 30)
● चोट लगने के कारण धड़कन का बढ़ना – ( आर्निका 30 या 200, 3-4 खुराक)
● ऐसा लगे कि दिल लोहे के शिकंजे में जकड़ा है – (कैक्टस Q, 5-15 बूंद दिन में 5 बार)
● जब धड़कन रक्त स्राव या अन्य स्राव के कारण बढ़े – ( चाइना Q या 30, दिन में 4 बार)
● जब नशीले पदार्थों (तम्बाकू आदि) के सेवन के कारण रोग हो। मन दुखी व हृदय में दर्द हो – ( स्पाइजिलिया 30, दिन में 3 बार)
● जब लगे कि कुछ ना कुछ हरकत करते रहना चाहिए, नही तो कहीं दिल काम करना ही बंद ना कर दे – (जलसेमियम 30, दिन में 3 बार)
● जब चलते समय लगे कि दिल हिल रहा है। निराशा व आत्महत्या की इच्छा हो – (ऑरम मैट 200, 2-3 खुराक)
● जब बाएं करवट लेटने से धड़कन बढ़े – (फॉस्फोरस 30 या 200, 2-3 खुराक)