खसरा – Measles
यह एक छूत की बीमारी है। एक से पाँच वर्ष की आयु में प्रायः बच्चों को होती है। यह रोगी के कपड़ों से हवा के द्वारा फैलती है। शुरू-शुरू में जुकाम जैसे लक्षण प्रकट होते हैं। बुखार के साथ 4-5 दिन बाद चेहरे व गले पर दाने निकलते हैं और धीरे-धीरे सारे शरीर पर फैल जाते हैं। फिर चौथे – पांचवे दिन ये दाने प्रायः लुप्त हो जाते हैं, बुखार भी चला जाता है। परंतु खांसी कुछ दिनों तक रहती है।
● प्रतिरोधक दवा (रोग की प्रत्येक अवस्था मे उपयोगी) – (मोरबिलिनम 200 या 1M, 3 खुराक 10-15 मिनट के अंतर से)
● प्रथम अवस्था में। तेज बुखार, बेचैनी, प्यास, नाड़ी भारी और तेज – (एकोनाइट 6 या 30, 2-3 घंटे के अंतर पर)
● जब दाने ठीक से न निकले, अचानक बैठ जाएं, जिससे सांस लेने में कष्ट हो, गले के अंदर श्लेष्मा घड़घड़ाये। जीभ सफेद – (एंटीम टार्ट 30, 3 खुराक, हर 2 घंटे बाद)
● जब दाने अचानक बैठ जाये। रोगी खूब बड़बड़ाए। शरीर मे डंक मारने जैसा दर्द, जलन व तनाव – (एपिस मेल 30, 3 खुराक, हर 2 घंटे पर)
● दाने अचानक गायब होने से तेज बुखार और सर्दी। लगातार नाक व आंखों से पानी गिरे, नाक में घाव, आँखें ओर मुंह लाल, सुस्ती, उंघाई – (जल्सेमियम 6 या 30, दिन में 3-4 बार)
● सर्दी पकने पर जब नाक से गाढ़ा बलगम निकले, प्यास न हो (यह दवा प्रतिरोधक दवा के रूप में भी काम आती है) – (पल्साटिला 30, हर 3-4 घंटे के अंतर पर)
● बुखार तेज हो, गर्मी सिर को चढ़े, शरीर व माथा गर्म, आंखे व चेहरा लाल – (बेलाडोना 6 या 30, हर 2 घंटे बाद)
● अचानक दाने बैठ जाने के कारण, शरीर बर्फ की तरह ठंडा, रोगी फिर भी शरीर पर कपड़ा न डालना चाहे – (कैम्फर Q या 6, हर आधे घंटे बाद)
● बायोकैमिक दवा – (काली म्यूर 6X व फेरम फॉस 6X)