इंफ्लुएंजा- Influenza
एक तरह के जीवाणु इस बीमारी के खास कारण माने जाते हैं। यह एक तरह की छूत और फैलने वाली, सर्दी की बीमारी है।
लक्षण: सर्दी, शरीर में टूटन, गले में दर्द, सिर में दर्द, बार बार ठंड लगना, छीकें आना, बुखार जैसा महसूस होना आदि।
● जब रोगी को काफी ठंड महसूस हो और कपकपी आती हो- ( नक्स वोमिका 30, हर 2 घंटे बाद)
● शरीर में दर्द, खांसी जुकाम, चुपचाप लेटे रहने की इच्छा हो, प्यास न हो- ( जेल्सीमियम 30, हर 2 घंटे बाद)
● हड्डियों तथा मांसपेशियों में दर्द, बेचैनी व बुखार – ( यूपेटोरियम पर्फ 30, दिन में चार बार)
● जब हिलने डुलने से रोग बढ़े, यहां तक की खाँसने तक से भी सिर में दर्द हो जाए, प्यास अधिक हो- ( ब्रायोनिया 30, दिन में 4 बार)
● जब थोड़ी प्यास के साथ हिलने डुलने से रोगी को अच्छा लगे – (रस टॉक्स 30, दिन में 4 बार)
● जब उपरोक्त दवाओं से पूर्ण रुप से फायदा ना हो, बेचैनी हो और रोगी थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ा थोड़ा पानी पीना चाहे गर्म पेय से आराम महसूस करें- (आर्सेनिक एल्ब 30, दिन में 4 बार)
● जब चेहरा लाल हो व बुखार हो, रक्त का जमाव शरीर के ऊपरी भाग में हो – ( बेलाडोना 30, दिन में 4 बार)
गर्म पानी से पैर धोकर सोने से फायदा होता है। एवेना सैटाइवा Q, 10-15 बूंद गर्म पानी में मिलाकर दिन में तीन चार बार लेने से आराम आ जाता है। बायोकेमिक औषधि नेट्रम सल्फ 6x बहुत फायदेमंद है।